मर्ज़ भी तू और मरहम भी तू है ख्वाब भी तू और तू ही रू-ब-रू है
ये जो इश्क़ का नशा है , हर नशे से ये बड़ा है बिन पिए इतना जुनून है, अब पीने में क्या रखा है
You are not the pearl but the retina of my eyes